Income Tax Notice (आयकर नोटिस) : आज के दौर में बैंकिंग सिस्टम जितना आसान हुआ है, उतना ही नियम-कानून भी सख्त हो गए हैं। अगर आप अपने सेविंग अकाउंट में ज्यादा कैश जमा करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस आ सकता है। खासतौर पर, धारा 114B के तहत कुछ लेन-देन ऐसे हैं, जहां पैन कार्ड (PAN) अनिवार्य होता है। इस लेख में हम विस्तार से समझेंगे कि कैश जमा करने की क्या सीमा है, किन परिस्थितियों में इनकम टैक्स नोटिस आ सकता है, और इससे कैसे बचा जा सकता है।
Income Tax Notice : सेविंग अकाउंट में कितना कैश जमा करने पर आ सकता है इनकम टैक्स नोटिस?
बचत खाता (Saving Account) में अगर आप एक तय सीमा से अधिक नकद जमा करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग इसे संदेह की नजर से देख सकता है।
- सीमा क्या है?
यदि आप एक वित्त वर्ष (Financial Year) में अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है। - करंट अकाउंट के लिए अलग नियम
अगर आपके पास करंट अकाउंट (Current Account) है, तो यह सीमा 50 लाख रुपये होती है। यानी, अगर आप 50 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो आपको इनकम टैक्स विभाग से नोटिस मिल सकता है। - एक दिन में अधिक कैश जमा करने का प्रभाव
अगर कोई व्यक्ति एक ही दिन में 2 लाख रुपये से ज्यादा कैश जमा करता है, तो यह संदेह पैदा कर सकता है।
आयकर नोटिस : असल जिंदगी का उदाहरण:
राजेश एक बिजनेसमैन हैं, और उन्हें रोजाना नकद लेन-देन करना पड़ता है। उन्होंने साल भर में अपने सेविंग अकाउंट में 12 लाख रुपये नकद जमा किए, जो 10 लाख की सीमा से ज्यादा था। बैंक ने इसकी जानकारी इनकम टैक्स विभाग को दे दी, और कुछ दिनों बाद राजेश को नोटिस मिल गया। अब उन्हें यह साबित करना था कि यह पैसा कहां से आया।
धारा 114B: किन मामलों में पैन कार्ड अनिवार्य है?
भारत सरकार ने धारा 114B के तहत कुछ महत्वपूर्ण वित्तीय लेन-देन के लिए पैन कार्ड अनिवार्य कर दिया है। इसमें निम्नलिखित शामिल हैं:
लेन-देन का प्रकार | पैन कार्ड अनिवार्य है यदि… |
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बैंक में नकद जमा | ₹50,000 या उससे अधिक (एक दिन में) |
सेविंग अकाउंट में सालाना जमा | ₹10 लाख से अधिक |
करंट अकाउंट में सालाना जमा | ₹50 लाख से अधिक |
प्रॉपर्टी खरीद | ₹10 लाख से अधिक |
गाड़ी खरीद | कोई भी चार पहिया वाहन |
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) | ₹50,000 या उससे अधिक |
म्युचुअल फंड या शेयरों में निवेश | ₹50,000 से अधिक |
अगर आप इनमें से किसी भी लेन-देन में पैन कार्ड नहीं देते, तो बैंक या संबंधित संस्था इसे स्वीकार नहीं करेगी और इनकम टैक्स विभाग को इसकी जानकारी भेज सकती है।
कैश जमा करने पर नोटिस क्यों आता है?
- अघोषित आय (Undisclosed Income)
अगर आपने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में अपनी आय को सही ढंग से घोषित नहीं किया है और अचानक बड़े कैश ट्रांजैक्शन करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग को शक हो सकता है। - गलत स्रोत से धन (Black Money)
सरकार काले धन (Black Money) को रोकने के लिए ऐसे ट्रांजैक्शन पर सख्ती से नजर रखती है। - बैंक की रिपोर्टिंग प्रणाली
बैंक को एक निश्चित सीमा से ऊपर के नकद जमा की रिपोर्ट इनकम टैक्स विभाग को देनी होती है। इसलिए, अगर आपका लेन-देन इस सीमा को पार करता है, तो विभाग स्वतः ही जांच कर सकता है।
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असल जिंदगी का उदाहरण:
मनीष एक दुकानदार हैं, और उनके पास कैश में अधिक लेन-देन होता है। उन्होंने अपने बचत खाते में साल भर में 11 लाख रुपये नकद जमा किए, लेकिन अपने इनकम टैक्स रिटर्न में केवल 5 लाख रुपये की आय दिखाई। इनकम टैक्स विभाग ने नोटिस भेजकर पूछा कि यह अतिरिक्त पैसा कहां से आया।
इनकम टैक्स नोटिस से कैसे बचें?
अगर आप चाहते हैं कि आपको इनकम टैक्स नोटिस न मिले, तो निम्नलिखित सावधानियां बरतें:
- आय का पूरा विवरण दें:
अगर आपकी कोई नकद आय है, तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) में घोषित करें। - पैन कार्ड का उपयोग करें:
यदि आप किसी बड़े कैश ट्रांजैक्शन में शामिल हैं, तो पैन कार्ड देना सुनिश्चित करें। - बैंक से नियमित लेन-देन करें:
बार-बार बड़े कैश जमा करने की बजाय डिजिटल पेमेंट (UPI, NEFT, IMPS, RTGS) का उपयोग करें। - व्यक्तिगत खाते का व्यावसायिक उपयोग न करें:
बिजनेस के लिए करंट अकाउंट का ही इस्तेमाल करें। - 10 लाख रुपये की सीमा से कम नकद जमा करें:
अगर आपको बड़े लेन-देन करने हैं, तो उन्हें छोटे-छोटे हिस्सों में करें और डिजिटल पेमेंट को प्राथमिकता दें।
असल जिंदगी का उदाहरण:
सुरेश एक छोटे व्यापारी हैं और पहले वह सारा पैसा नकद जमा करते थे। लेकिन एक बार उन्हें इनकम टैक्स नोटिस आ गया। उसके बाद उन्होंने UPI, बैंक ट्रांसफर और चेक के जरिए भुगतान लेना शुरू किया। अब उन्हें किसी भी नोटिस की चिंता नहीं रहती।
अगर आप अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से अधिक कैश जमा करते हैं, तो इनकम टैक्स विभाग इसे ट्रैक करता है। धारा 114B के तहत कई वित्तीय लेन-देन के लिए पैन कार्ड अनिवार्य है। इनकम टैक्स नोटिस से बचने के लिए अपनी आय को सही ढंग से घोषित करें, डिजिटल ट्रांजैक्शन को प्राथमिकता दें और बड़े कैश लेन-देन से बचें।
इसलिए, अगर आप बड़े कैश ट्रांजैक्शन करते हैं, तो सावधान रहें और सही नियमों का पालन करें, ताकि किसी भी प्रकार की आयकर जांच (Tax Scrutiny) से बचा जा सके।