Income Tax: पर्सनल लोन से भी बचा सकते हैं टैक्स, बस करना होगा ये काम, CA भी करेगा तारीफ।

Personal Loan (पर्सनल लोन) : आज के समय में हर किसी को कभी न कभी पर्सनल लोन की ज़रूरत पड़ती है, चाहे वह शादी के खर्चों के लिए हो, घर की मरम्मत के लिए, या फिर किसी इमरजेंसी के लिए। लेकिन क्या आपको पता है कि पर्सनल लोन से भी आप इनकम टैक्स बचा सकते हैं? अगर सही तरीके से इसका उपयोग किया जाए, तो इससे अच्छी-खासी टैक्स सेविंग हो सकती है। आइए विस्तार से समझते हैं कि कैसे पर्सनल लोन को एक टैक्स-सेविंग टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।

Personal Loan क्या होता है और यह टैक्स सेविंग में कैसे मदद करता है?

पर्सनल लोन एक अनसिक्योर्ड लोन होता है, जिसे बैंक या फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशन बिना किसी सिक्योरिटी के ऑफर करता है। आमतौर पर, यह लोन किसी भी व्यक्तिगत ज़रूरत के लिए लिया जा सकता है।

हालांकि, इनकम टैक्स ऐक्ट में सीधे तौर पर पर्सनल लोन पर टैक्स छूट का कोई प्रावधान नहीं है, लेकिन यदि इसे सही तरीके से उपयोग किया जाए, तो कुछ मामलों में टैक्स बेनेफिट लिया जा सकता है।

पर्सनल लोन : किन-किन मामलों में पर्सनल लोन पर टैक्स बेनेफिट मिलता है?

1. अगर लोन का इस्तेमाल घर खरीदने या रेनोवेशन में किया जाए

अगर आपने पर्सनल लोन लिया है और उसे घर खरीदने, बनाने या फिर रेनोवेशन में इस्तेमाल किया है, तो आप इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 24(b) के तहत टैक्स बेनेफिट ले सकते हैं।

  • होम लोन की तरह पर्सनल लोन पर भी टैक्स छूट: इस सेक्शन के तहत, अगर आप प्रॉपर्टी खरीदने या सुधारने के लिए लोन लेते हैं, तो उस पर दिए गए ब्याज को टैक्स छूट के लिए क्लेम किया जा सकता है।
  • मैक्सिमम छूट: सेल्फ-ओक्यूपाइड प्रॉपर्टी के लिए 2 लाख रुपये तक की ब्याज राशि पर टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।

2. अगर लोन का इस्तेमाल बिज़नेस के लिए किया जाए

अगर आपने पर्सनल लोन बिज़नेस में लगाया है, तो आप ब्याज की रकम को अपने बिज़नेस की लागत में जोड़ सकते हैं।

  • टैक्सेबल इनकम होगी कम: इससे आपकी टैक्सेबल इनकम कम हो जाएगी और आपको टैक्स सेविंग का लाभ मिलेगा।
  • सभी डॉक्युमेंट संभालकर रखें: अगर इनकम टैक्स विभाग द्वारा जांच होती है, तो आपको लोन लेने और उसे बिज़नेस में इन्वेस्ट करने के सभी डॉक्युमेंट दिखाने होंगे।

3. अगर लोन का इस्तेमाल निवेश (Investment) में किया जाए

अगर आपने पर्सनल लोन लिया और उसे ऐसे किसी इन्वेस्टमेंट में लगाया, जिससे आपको रिटर्न मिल रहा है, तो आप उस लोन के ब्याज को टैक्स बचाने के लिए क्लेम कर सकते हैं।

  • शेयर मार्केट, म्युचुअल फंड्स या अन्य निवेश: यदि लोन की रकम का उपयोग शेयर मार्केट या किसी अन्य निवेश में किया जाता है और इससे होने वाली इनकम टैक्सेबल है, तो लोन पर चुकाए गए ब्याज को टैक्स में डिडक्शन के रूप में दिखाया जा सकता है।

4. अगर लोन एजुकेशन से जुड़ा हो

अगर पर्सनल लोन का उपयोग हायर एजुकेशन के लिए किया जाता है, तो आप इनकम टैक्स ऐक्ट की धारा 80E के तहत ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकते हैं।

  • ब्याज की पूरी रकम पर छूट: इस धारा के तहत आप ब्याज की पूरी राशि को टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम कर सकते हैं, लेकिन यह छूट सिर्फ ब्याज पर लागू होगी, मूल राशि पर नहीं।

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पर्सनल लोन पर टैक्स बेनेफिट क्लेम करने की प्रक्रिया

अगर आप पर्सनल लोन पर टैक्स छूट क्लेम करना चाहते हैं, तो आपको कुछ ज़रूरी स्टेप्स फॉलो करने होंगे:

  1. लोन की उपयोगिता के सही डॉक्युमेंट रखें: बैंक स्टेटमेंट, बिल और इनवॉइस को संभालकर रखें, जिससे यह साबित हो कि लोन की रकम को टैक्स-सेविंग उद्देश्यों में लगाया गया है।
  2. सीए या टैक्स कंसल्टेंट से सलाह लें: सही तरीके से टैक्स सेविंग करने के लिए किसी विशेषज्ञ से सलाह लेना हमेशा फायदेमंद होता है।
  3. आईटीआर फाइल करते समय ब्याज की जानकारी दें: अगर आपने पर्सनल लोन का इस्तेमाल किसी योग्य उद्देश्य के लिए किया है, तो इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करते समय ब्याज को डिडक्शन के रूप में जोड़ें।

पर्सनल लोन से टैक्स बचाने के लिए किन बातों का ध्यान रखें?

  • लोन को सही उद्देश्य के लिए उपयोग करें: बिना किसी प्लानिंग के लिया गया लोन वित्तीय बोझ बढ़ा सकता है और टैक्स सेविंग में भी मदद नहीं करेगा।
  • ब्याज दरों की तुलना करें: कम ब्याज दर वाले लोन का चुनाव करें ताकि आपकी वित्तीय स्थिति स्थिर बनी रहे।
  • लोन का भुगतान समय पर करें: डिफॉल्ट करने पर न सिर्फ क्रेडिट स्कोर खराब होगा, बल्कि भविष्य में किसी भी टैक्स सेविंग का लाभ लेना मुश्किल हो सकता है।

वास्तविक जीवन से जुड़े उदाहरण

  1. संदीप शर्मा (दिल्ली): संदीप ने 5 लाख रुपये का पर्सनल लोन लिया और इसे अपने छोटे बिज़नेस में इन्वेस्ट किया। उन्होंने इस लोन के ब्याज को अपने बिज़नेस खर्चों में दिखाया और साल के अंत में टैक्स सेविंग का लाभ उठाया।
  2. अंजलि गुप्ता (मुंबई): अंजलि ने अपने घर के रेनोवेशन के लिए पर्सनल लोन लिया था। जब उन्होंने सीए से सलाह ली, तो उन्हें पता चला कि वे धारा 24(b) के तहत ब्याज पर टैक्स छूट का दावा कर सकती हैं।
  3. रोहित वर्मा (बेंगलुरु): रोहित ने पर्सनल लोन से म्युचुअल फंड्स में इन्वेस्ट किया। चूंकि उनके इन्वेस्टमेंट से हुई इनकम टैक्सेबल थी, उन्होंने लोन के ब्याज को टैक्स डिडक्शन के लिए क्लेम किया।

पर्सनल लोन केवल एक वित्तीय सहायता का साधन नहीं है, बल्कि सही तरीके से उपयोग करने पर यह टैक्स सेविंग का भी एक बेहतरीन जरिया बन सकता है। यदि आप घर खरीदने, बिज़नेस में इन्वेस्ट करने या शिक्षा से जुड़ी ज़रूरतों के लिए पर्सनल लोन ले रहे हैं, तो आपको इसके टैक्स बेनेफिट्स का पूरा फायदा उठाना चाहिए।

बिना प्लानिंग के लोन लेने से बचें और टैक्स सेविंग के लिए ज़रूरी डॉक्युमेंट्स को सही से मेंटेन करें। अगर आप सही रणनीति अपनाते हैं, तो पर्सनल लोन न केवल आपकी आर्थिक स्थिति को संभालने में मदद करेगा, बल्कि टैक्स बचाने में भी कारगर साबित होगा।

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