यूपी: गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ेगा नया एक्सप्रेसवे, 76 किमी के रास्ते पर आएगी 4415 करोड़ की लागत

UP New expressway (यूपी नया एक्सप्रेसवे) : उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर विकास की गति लगातार तेज हो रही है। सरकार अब गंगा एक्सप्रेसवे को जेवर एयरपोर्ट से जोड़ने के लिए एक नया एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है। इस 76 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे पर कुल 4415 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह प्रोजेक्ट न सिर्फ प्रदेश की कनेक्टिविटी को और बेहतर बनाएगा बल्कि औद्योगिक और आर्थिक विकास को भी गति देगा।

UP New expressway की खासियतें

यह नया एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की सड़कों के बुनियादी ढांचे को और मजबूत करेगा। इसकी कुछ प्रमुख विशेषताएँ इस प्रकार हैं:

  • कुल लंबाई: 76 किलोमीटर
  • अनुमानित लागत: ₹4415 करोड़
  • मुख्य उद्देश्य: गंगा एक्सप्रेसवे को नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट (जेवर) से जोड़ना
  • प्रोजेक्ट का वर्तमान स्टेटस: योजना के प्रारंभिक चरण में
  • संभावित लाभ: औद्योगिक विकास, तेज यात्रा, लॉजिस्टिक्स सुधार

यूपी नया एक्सप्रेसवे : उत्तर प्रदेश में इंफ्रास्ट्रक्चर का नया अध्याय

उत्तर प्रदेश सरकार लगातार नई सड़कों, एक्सप्रेसवे और एयरपोर्ट्स पर निवेश कर रही है। पिछले कुछ वर्षों में निम्नलिखित प्रमुख प्रोजेक्ट पूरे किए गए या चल रहे हैं:

परियोजना का नाम कुल लंबाई (किमी) लागत (₹ करोड़ में) वर्तमान स्थिति
पूर्वांचल एक्सप्रेसवे 340 22,500 पूरा हुआ
बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे 296 14,850 पूरा हुआ
गंगा एक्सप्रेसवे 594 36,230 निर्माणाधीन
जेवर एयरपोर्ट 29,560 निर्माणाधीन
प्रस्तावित नया एक्सप्रेसवे 76 4415 योजना में

इस तालिका से स्पष्ट है कि सरकार इंफ्रास्ट्रक्चर पर बड़े पैमाने पर निवेश कर रही है।

इस प्रोजेक्ट से आम जनता को क्या लाभ मिलेगा?

इस नए एक्सप्रेसवे से कई स्तरों पर लाभ होंगे।

1. यात्रा में समय की बचत

फिलहाल गंगा एक्सप्रेसवे से जेवर एयरपोर्ट जाने में लंबा समय लगता है। नया एक्सप्रेसवे बनने से यह दूरी तेजी से तय की जा सकेगी।

2. औद्योगिक विकास को मिलेगा बढ़ावा

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक क्षेत्रों के रूप में तेजी से विकसित हो रहे हैं। इस एक्सप्रेसवे से इन क्षेत्रों में निवेश और उद्योगों का विस्तार होगा।

3. रियल एस्टेट सेक्टर को होगा फायदा

जब भी किसी क्षेत्र में नई सड़कें बनती हैं, वहां प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ती हैं। इस एक्सप्रेसवे से ग्रेटर नोएडा, बुलंदशहर और आसपास के क्षेत्रों में जमीन की कीमतें बढ़ेंगी और रियल एस्टेट को बढ़ावा मिलेगा।

4. स्थानीय रोजगार के अवसर

इस परियोजना के निर्माण और उसके बाद के रखरखाव से हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा। मजदूरों से लेकर इंजीनियरों तक, हर स्तर पर रोजगार के नए अवसर खुलेंगे।

सरकार की योजना और भविष्य की संभावनाएं

उत्तर प्रदेश सरकार इस परियोजना को जल्द से जल्द पूरा करने की योजना बना रही है। सरकार का लक्ष्य है कि अगले 3-4 वर्षों में इस एक्सप्रेसवे को पूरा कर दिया जाए।

इसके अलावा, भविष्य में मेरठ, अलीगढ़, आगरा और कानपुर जैसे अन्य शहरों को भी बेहतर एक्सप्रेसवे नेटवर्क से जोड़ने की योजना है। इससे प्रदेश में आर्थिक और व्यावसायिक गतिविधियाँ और भी तेजी से बढ़ेंगी।

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एक आम नागरिक के लिए यह कितना उपयोगी?

इस एक्सप्रेसवे का सबसे बड़ा फायदा उन लोगों को होगा जो उत्तर प्रदेश के दूर-दराज के इलाकों से दिल्ली और नोएडा आते-जाते हैं। उदाहरण के लिए:

  • व्यवसायी और उद्योगपति: व्यापार के लिए आने-जाने में समय और लागत की बचत होगी।
  • रोजगार की तलाश में आने वाले युवा: दिल्ली-एनसीआर में नौकरी ढूंढने वाले लोगों के लिए सफर आसान होगा।
  • यात्रियों और पर्यटकों: जेवर एयरपोर्ट से सीधा कनेक्शन मिलने से लोग तेज़ी से यात्रा कर सकेंगे।

उत्तर प्रदेश की नई विकास यात्रा

यह नया एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश की कनेक्टिविटी और आर्थिक विकास में मील का पत्थर साबित हो सकता है। सरकार के इस कदम से इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ उद्योग, व्यापार और रोजगार में भी जबरदस्त बढ़ोतरी होगी। अगर इस परियोजना को समय पर पूरा किया जाता है, तो यह न केवल प्रदेश बल्कि पूरे देश के विकास के लिए फायदेमंद होगा।

भविष्य में, इस तरह के प्रोजेक्ट भारत को एक बेहतर सड़क और परिवहन नेटवर्क की ओर ले जाएंगे, जिससे लोगों की जिंदगी और भी आसान होगी।

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